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25, 2012
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- महाशिवरात्रिFriday, February
22, 2013
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महाशिवरात्रि
महाशिवरात्रि हिन्दुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है एवं भगवान शिव के सबसे महत्वपूर्ण
पर्व के रूप में सर्वमान्य है| यह पर्व प्रत्येक वर्ष फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की
चतुर्दशी को मनाया जाता है एवं यह भगवान शिव का अतिप्रिय रात्रि भी है| फाल्गुन कृष्ण
चतुर्दशी तिथि में चन्द्रमा सूर्य के समीप होता है। अत: इसी समय जीवनरूपी चन्द्रमा
का शिवरूपी सूर्य के साथ योग मिलन होता है। अत: इस चतुर्दशी को शिवपूजा करने से जीव
को अभीष्ट फल की प्राप्ति होती है|
ऐसी मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव ज्योतिर्लिंग रूप में प्रकट हुए थे | एक और मान्यता
यह भी है कि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को ही शिव-पार्वती का विवाह हुआ
था इसलिए महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है | एवं पौराणिक कथा यह भी है की एक बार
पार्वती ने भगवान शिवशंकर से पूछा, 'ऐसा कौन-सा श्रेष्ठ तथा सरल व्रत-पूजन है, जिससे
मृत्युलोक के प्राणी आपकी कृपा सहज ही प्राप्त कर लेते हैं?' उत्तर में शिवजी ने पार्वती
को 'शिवरात्रि' के व्रत का उपाय बताया|
महाशिवरात्रि पर्व का महत्व सभी पुराणों में मिलता है. गरुड़ पुराण, पद्म पुराण, स्कंद
पुराण, शिव पुराण तथा अग्नि पुराण सभी में महाशिवरात्रि पर्व की महिमा का वर्णन मिलता
है | शिवरात्रि के दिन व्रत धारण करने से सभी पापों का नाश होता है और मनुष्य की हिंसक
प्रवृत्ति भी नियंत्रित होती है। निरीह लोगों के प्रति दयाभाव उपजता है|
महाशिवरात्रि पर उपवास का भी अपना एक विशेष महत्व है| उपवास का अर्थ होता है भगवान
का वास| उपवास का अर्थ भूखा रहना या निराहार रहना नहीं है| आराध्य देव को मन में बसा
कर किसी उद्देश्य को लेकर इनकी पूजा करना भी उपवास रहना है| इसलिए महाशिवरात्रि के
दिन पवित्र होकर शिव को मन में बसाना भी उपवास है|
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